facebook-pixel

Join Our

WhatsApp & Instagram Channel

Stay updated with our latest posts and exclusive content.

WhatsApp IconWhatsAppInstagram IconInstagram

आदि कैलाश यात्रा 2022: भोलेनाथ के भक्तों की राह होगी आसान, अब दो सौ किमी का पैदल सफर नहीं करना पड़ेगा, मिलेंगी ये खास सुविधाएं



आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा सिर्फ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे है। सड़क न होने के कारण आदि कैलाश जाने वाले यात्रियों को लगभग दो सौ किलोमीटर पैदल (आना-जाना) चलना होता था, लेकिन अब भोलेनाथ के भक्तों की राह आसान होगी। 

भारत तिब्बत सीमा के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण होने के बाद अब कुमाऊं मंडल विकास निगम इस बार आदि कैलाश यात्रा वाहनों से कराएगा। अधिक से अधिक लोगों को यात्रा से जोड़ने और उन्हें पिछले वर्षों की अपेक्षा बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निगम ने नोएडा की संस्था डिवाइन मंत्रा प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध किया है।

सड़क न होने के कारण आदि कैलाश जाने वाले यात्रियों को लगभग दो सौ किलोमीटर पैदल (आना-जाना) चलना होता था। इस बार केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों और सीमा सड़क निर्माण विभाग की पहल पर नाभिढांग और जोलिंगकांग तक एनएच का निर्माण कार्य चल रहा है। निगम के अधिकारियों का दावा हैकि इस बार पूरी यात्रा वाहनों से कराई जाएगी और किसी को पैदल नहीं चलना पड़ेगा।

निगम के प्रबंध निदेशक नरेंद्र सिंह भंडारी और महाप्रबंधक एपी वाजयेपी ने बताया कि जून के पहले हफ्ते से यात्रा शुरू होगी और अक्टूबर तक चलेगी। डिवाइन मंत्रा ने यात्रा के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बताया कि यात्रियों को बेहतर सुविधा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने के लिए ही निगम ने नोएडा की संस्था से अनुबंध किया है।

निगम और मंत्रा दोनों मिलकर कराएंगे यात्रा

अब इस यात्रा को निगम और मंत्रा दोनों मिलकर कराएंगे। रोजगार को बढ़ावा देने के लिए यात्रा मार्ग पर निगम के सहयोग से बनाए गए स्थानीय होम स्टे को भी उपयोग में लाया जाएगा। इससे तीर्थ यात्रियों को कुमाऊं की संस्कृति और परंपराओं को भी समझने का मौका मिलेगा। 

कैलाश के बराबर है आदि कैलाश यात्रा की मान्यता 

स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ओम पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा के बराबर ही प्रमुखता दी गई है। पिथौरागढ़ जिले में भारत तिब्बत सीमा के पास स्थित आदि कैलाश हूबहू कैलाश पर्वत की छवि है। ऐसी मान्यता है कि आदि कैलाश पर भी समय-समय पर भोले बाबा का निवास रहा और पास ही स्थित पार्वती सरोवर माता पार्वती का स्नान स्थल था। ओम पर्वत तीन देशों की सीमाओं से लगा हुआ है। इस स्थान के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं पुराणों में भी मिलता है। 

कई तीर्थों को समेटे है आदि कैलाश

आदि कैलाश और ओम पर्वत यात्रा सिर्फ दो स्थानों की यात्रा नहीं है बल्कि अपने आप में अनेक धार्मिक तीर्थों को समेटे है। यह यात्रा काठगोदाम से शुरू होकर भीमताल, कैंची धाम, चितई गोलू मंदिर, जागेश्वर धाम, पार्वती मुकुट, ब्रह्मा पर्वत, शेषनाग पर्वत, शिव मंदिर, पार्वती सरोवर, गौरीकुंड, पाताल भुवनेश्वर, पांडव किला, कुंती पर्वत, पांडव पर्वत एवं वेदव्यास गुफा से होकर गुजरती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे आयोजित 

इन सभी तीर्थों के अपने अलग-अलग महत्व है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि मंत्रा के साथ हुए अनुबंध के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस यात्रा का लाभ देने का प्रयास किया जा रहा है। यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए निगम और मंत्रा यात्रा में हवन पूजा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।

Get in Touch

Have An Enquiry? Write To Us…

Phone

News Letter Sign Up

Subscribe to the TripToTemples newsletter and get the latest updates straight to your inbox.

Related Blogs

Talk to TTT Expert !

Stay Connected for All Updates!

For the latest updates on Kailash Mansarovar Yatra, Adi Kailash Yatra
and other incredible travel destinations, make sure you’re following our channel